शायरी-काव्य Leave a Comment / शायरी / By Bollywood Master / July 16, 2014 July 16, 2014 Spread the love जब लगा था “तीर” तब इतना “दर्द” न हुआ ग़ालिब… “ज़ख्म” का एहसास तब हुआ जब “कमान” देखी अपनों के हाथ में। – Mirza Ghalib Facebook Comments
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