शायरी-काव्य Leave a Comment / शायरी / By Bollywood Master जब लगा था “तीर” तब इतना “दर्द” न हुआ ग़ालिब… “ज़ख्म” का एहसास तब हुआ जब “कमान” देखी अपनों के हाथ में। – Mirza Ghalib